Friday 17 April 2015

चतुष्पदी


चतुष्पदी 
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जाते हुए लम्हों को पकड़ा नहीं करते
जीवन को अतीत में जिया नही करते
जो है यह पल है, बनने बनाने के लिए
इतिहास के पन्नो से झाँका नहीं करते
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल

8 comments:

  1. Pradyumna Chaturvedi 4:09pm Apr 17
    वाह सर वाहहहहह।
    अति सुंदर लाजवाब सृजन।
    सादर नमन।
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  2. Pankaj Kumar 4:50pm Apr 17
    जो है यह पल है, बनने बनाने के लिए
    इतिहास के पन्नो से झाँका नहीं करते

    सही कहा आपने जी
    बहुत ही बहतरीन रचना को प्रस्तुतिकरण जी आपकी लेखनी से सादन नमन व हार्दिक बधाई जी आपको
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    Rajendra Gattani 4:31pm Apr 17
    वाह्ह्ह्ह्ह् ।
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  3. Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala 5:55pm Apr 17
    वर्तमान में जिओ का सुंदर सन्देश देती अनुपम भाव रचना | वाह !
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    Pawan Batra 5:37pm Apr 17
    आदरणीय बहुत सुन्दर
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  4. गोप कुमार मिश्र 5:59pm Apr 17
    वाहहहहह लाजवाब सृजन
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    Shwetabh Pathak 5:57pm Apr 17
    क्या बात कही है आपने । जीवन को अतीत में जिया नही करते । वाह
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  5. Ramkumar Chaturvedi 8:00pm Apr 17
    लाजबाब सृजन
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    डॉ. हीरालाल प्रजापति 7:19pm Apr 17
    शानदार
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    मिलन चौरसिया 'मिलन' 6:57pm Apr 17
    आदरणीय बहुत सुन्दर
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  6. Arun Sharma बेहतरीन रचना आदरणीय
    Yesterday at 11:49am
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    Alok Mittal बेहतरीन रचना..........वाह्ह्ह
    Yesterday at 2:39pm
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  7. Om Neerav कोई प्रतिमान नहीं आपकी इस सोच का ! बधाई !
    Yesterday at 3:12pm
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  8. Satish Verma सही कथन, अति सुन्दर प्रस्तुति। मगर एक बात समझ से परे है, यह शाश्वत सत्य सर्वाधिक्ज़ार सुरक्षित कैसे हो सकता है?
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    Yamuna Prasad Dubey Pankaj बहुत सुन्दर,सत्य एवम् सार्थक सृजन,वाह
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