बुरा ना मानो होली है
----------------------
अफ़सोस नहीं कि वह ठुकरा कर चली गयी
भरे हुए जाम को होंठों से दूर कर गयी
ग़म मुझे ,ताल ठोक वह आ गयी वापस
दूसरी के ख्वाब से बेवफा महरूम कर गयी.
-----------------------------------------
बुरा ना मानो होली है
------------------------
क्या माईके जाने की रट लगाती हो ?
क्यूँ माईके की धोंस हमेशा दिखाती
हो ?
खुंदकी हैं, जो भाग गए ससुराल
देंखें, कैसे फिर माईके का राग अलापती
हो ?
-----------------------------------------
बुरा ना मानो होली है
-------------------------
खामोशी उनकी चलाती थी दिल पर जो आरियां
कि मुस्कुराना उनका फेविकोल का काम
कर गया.
--------------------------------------------------------
बुरा ना मानो होली है
-------------------------
लड़कियों में लड़की वह,
नाम मिस निराशा
निकले जिस गली से, लड़कों में जगाये
आशा
इठलाता कोई बाइक पर, दिखलाता कोई कार
किस से वह प्रीती करे, एक अनार सौ
बीमार
----------------------------------------------------
बुरा ना मानो होली है
----------------------
मेरा कवि बनना पत्नी को दुश्वार हो
गया
कविता से प्यार देख जीना बेहाल हो
गया
दूजे मुझको पूछे ऐसे, जैसे लाशों को
गिद्ध
घर का जोगी जोगना, आन गावं का सिद्ध
---------------------------------------------------
बुरा ना मानो होली है
-------------------------
मेरे हंसने पर कहतें हैं वे कि फूल
झड़ते हैं
मेरा रोना उनको बरसात की याद दिलाता
है
जब भी करती हूँ उनसे शादी की बात
चहरे पर एक रंग आता है दूसरा जाता
है
-------------------------------------------------
बुरा ना मानो होली है
----------------------
दर्दे दिल की दवा हमेशा ही
sarbutrate होती है
मिमयाती लड़की, उपरांत शादी, megistrate
होती है
सही मानो में पति श्री ko आता है तब
आनंद
जब किसी पुरानी प्रेमिका से अचानक
भेंट होती है
------------------------------------------------------
नोट :- कृपया आप इसकी नक़ल ना करें. यह मेरी ही पुस्तक " मन की तरंग'
की नक़ल है.
जिसने पढ़ा उसका भी भला, जिसने नहीं
पढ़ा उसका भी भला. होली मुबारक.
Shobham Mar 16
ReplyDeleteWah wah TKji
you are excellent in this genre too
(via verdurez)
Hari1941
ReplyDeleteTK,
Was surprisingly pleased to see the humorous side of your personality in your poems. Best of holi.
(via verdurez)