Thursday 15 November 2018

वर्ण-पिरामिड (69-70)


वर्ण-पिरामिड ( शीर्षक = धुआं / धूम्र / धुम्मा आदि समानार्थी शब्द)
----------------------------------------------------------------------------

हो 
धरा 
कचरा 
प्रदूषण 
वातावरण 
ज़हरीला धुआँ 
आरोप–प्रत्यारोप।   

हाँ 
धुआँ 
विकट 
ताज़ी हवा 
सांस दूभर
कैंसर विकार 
लानत भ्रष्टाचार।
----------------------
सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल 

4 comments:

  1. comments via fb/ मुक्तक-लोक
    --------------------------
    Shyamal Sinha 11:30am Nov 16
    स्वागतम सहर्ष आद.
    बहुत सुन्दर वाह
    -----------------------------
    Raj Kishor Pandey 11:30am Nov 16
    वाह सुंदर पिरामिड रचनाएँ आदरणीय
    -----------------------------
    गुप्ता कुमार सुशील 11:30am Nov 16
    सादर अभिनंदन आदरणीय.🙏
    सत्य भाव की सुन्दरतम् प्रस्तुति वाहहहहहहहह
    -----------------------------------
    Subhash Singh 11:30am Nov 16
    अति सुंदर
    --------------------------------
    Yashodhara Singh 11:30am Nov 16
    अति सुंदर अभिव्यक्ति की आदरणीय आपका स्वागत है
    ------------------------------------------
    उमेश श्रीवास्तव 'राही' 6:51pm Nov 16
    बेहतरीन
    --------------------------------
    मुरारि पचलंगिया 6:51pm Nov 16
    सुंदर रचना .. आदरणीय


    ReplyDelete
  2. comment via fb/वर्ण पिरामिड varn piramid (जसाला पिरामिड)
    -----------------------------------------------------
    Rajendra Purohit 7:14pm Nov 15
    उत्कृष्ट प्रस्तुति। अनुकरणीय।
    -------------------------
    Jagdish Sharma 7:14pm Nov 15
    अति सुंदर

    ReplyDelete
  3. via fb/ Purple Pen
    ----------------------
    वसुधा कनुप्रिया 11:02am Nov 16
    सच कहा आपने आदरणीय, केवल आयोप-प्रत्यारोप चलता रहा है, ठोस हल नहीं निकाला गया । सुन्दर और समसामयिक सृजन ।

    ReplyDelete
  4. via fb/ वर्ण पिरामिड varn piramid (जसाला पिरामिड)
    -----------------------------------------------
    Suresh Pal Verma Jasala 7:14pm Nov 15
    वाह, सुंदर सार्थक भावमय सृजन

    ReplyDelete