वर्ण-पिरामिड ( शीर्षक = धुआं / धूम्र / धुम्मा आदि समानार्थी शब्द)
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हो
धरा
कचरा
प्रदूषण
वातावरण
ज़हरीला धुआँ
आरोप–प्रत्यारोप।
हाँ
धुआँ
विकट
ताज़ी हवा
सांस दूभर
कैंसर विकार
लानत भ्रष्टाचार।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
comments via fb/ मुक्तक-लोक
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Shyamal Sinha 11:30am Nov 16
स्वागतम सहर्ष आद.
बहुत सुन्दर वाह
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Raj Kishor Pandey 11:30am Nov 16
वाह सुंदर पिरामिड रचनाएँ आदरणीय
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गुप्ता कुमार सुशील 11:30am Nov 16
सादर अभिनंदन आदरणीय.🙏
सत्य भाव की सुन्दरतम् प्रस्तुति वाहहहहहहहह
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Subhash Singh 11:30am Nov 16
अति सुंदर
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Yashodhara Singh 11:30am Nov 16
अति सुंदर अभिव्यक्ति की आदरणीय आपका स्वागत है
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उमेश श्रीवास्तव 'राही' 6:51pm Nov 16
बेहतरीन
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मुरारि पचलंगिया 6:51pm Nov 16
सुंदर रचना .. आदरणीय
comment via fb/वर्ण पिरामिड varn piramid (जसाला पिरामिड)
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Rajendra Purohit 7:14pm Nov 15
उत्कृष्ट प्रस्तुति। अनुकरणीय।
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Jagdish Sharma 7:14pm Nov 15
अति सुंदर
via fb/ Purple Pen
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वसुधा कनुप्रिया 11:02am Nov 16
सच कहा आपने आदरणीय, केवल आयोप-प्रत्यारोप चलता रहा है, ठोस हल नहीं निकाला गया । सुन्दर और समसामयिक सृजन ।
via fb/ वर्ण पिरामिड varn piramid (जसाला पिरामिड)
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Suresh Pal Verma Jasala 7:14pm Nov 15
वाह, सुंदर सार्थक भावमय सृजन