Sunday 7 January 2018

इत्तेफ़ाक़ (लघुकथा)


इत्तेफ़ाक़
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कैफे में साथ वाली टेबल से जब उसे किसी ने पुकारा तो उसने आवाज़ की दिशा में सिर घुमा कर देखा
"राकेश !"  "अरे, तुम यहाँ? क्या इत्तेफ़ाक़ है," कहते हुए उसने हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया राकेश बस मुस्कुरा रहा था।
बीस साल।  एक ही शहर में रहते हुए इतने लंबे अंतराल के पश्चात यह मुलाक़ात। प्रमोद राकेश को देख उतना चकित नहीं लग रहा था जितना कि भयभीत।
अपरिचितों से भरे कैफे के शोरो-गुल के बीच प्रमोद का दिमाग़ जैसे सुन्न हो गया अचंभित हो दोनों एक दूसरे को देखते रह गये
क्या है ईश्वर की इच्छा, सोचते हुए वो अतीत की यादों में गुम हो गये।
लग रहा था जैसे कल की ही बात हो। प्रमोद ने राकेश की थीसिसभ्रष्टाचार समाजिक या मानसिक रोगचुरा कर पीएचडी कर ली थी। राकेश ने इसकी शिकायत हर जगह की पर प्रमोद की पहुँच भी हर जगह थी। पीएचडी प्रमोद को ही मिली और साथ में स्थानीय कॉलेज में एक लेक्चरर  पोस्ट भी। राकेश यद्यपि टूट गया था पर उसने हार ना मान कर  और एक अन्य विषय पर पीएचडी कर यूनिवर्सिटी में लेक्चरर की पोस्ट पर नियुक्त हो गया और कालांतर में आईपीएस कैडर के द्वारा जिले का आईजी बन गया। 
अतीत से निकल कर दोनों बाहर आये तो प्रमोद ने अपने को पुलिस से गिरा पाया। 
"तुम्हारा खेल समाप्त प्रमोद। अपने ही कॉलेज में तुमने जितने घपले किये और सालों साल परीक्षाओं के पेपर लीक करने के अपराध में , में तुम्हें गिरफ्तार करता हूँ। मेरी ही चोरी की हुई  थीसिस  से भी , लगता है तुमने कुछ सीखा ही नहीं।राकेश ने प्रमोद के कंधे पर हाथ रखा।  पुलिस के घेरे में प्रमोद कुछ कहने लायक नहीं रहा। 

त्रिभवन कौल

1 comment:

  1. comments via/fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास).
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    Sharda Madra 5:17pm Jan 7
    शिक्षाप्रद लघुकथा।
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    मुरारि पचलंगिया 5:17pm Jan 7
    बहुत सुंदर प्रेरणादायी रचना
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    Deo Narain Sharma 5:17pm Jan 7
    सुन्दर.भाव और.सृजन।भ्रष्ट तरीके से किये गये कार्य का फल सदैव कष्टदायु.होता.है।मनुष्य को सकारात्मकसोच से.हु कार्य करना चाहिएःएक शिक्षाप्रद लघुखथा प्रशंसनीय.हैः
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    Kviytri Pramila Pandey 5:17pm Jan 7
    अतिसुन्दर संदेशप्रद
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    Shashi Tyagi 6:20pm Jan 7
    बहुत अच्छी लघु कथा

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