चतुष्पदी
(Quatrain)-13
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दिल अंधकारमय हो, बाहर उजाला करने से क्या लाभ ?
जब जागना ही नही, मुर्गे का बांग देने से क्या लाभ ?
समय पर जो चेतें, चूमती सफलता है उनके कदम
जागे नहीं जो उनका, किस्मत को कोसने से क्या लाभ ?
Dil andhkaarmy ho, baahar ujaala karne se
kya laabh ?
Jab jaagna hee nahi, murge kaa bang dene se
kya laabh ?
Samay pr jo chete, choomti safalta unke
kadam
Jaage nahi jo unka, kismet ko kosne se kya
laabh ?
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
वसुधा 'कनुप्रिया' 5:59am Oct 7
ReplyDeleteबहुत ख़ूब कहा आपने आदरणीय । कर्मयोगी बनना चाहिये
via fb/Purple Pen
Sankari P Sarkar 10:27pm Oct 6
ReplyDeleteIt is pointless to draw a balance sheet of gains and loss which floats on top of life. Life is,after all , what you make out of it. The bottom line is none can
reject life.
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Sangeeta Yadav 8:54pm Oct 6
Par mai to koi kavita nhi likhi sir apki kavitaye achhi lagti h isliye comment karte h kavita padhana hume achha lagta h
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Tribhawan Kaul 8:45pm Oct 6
आप सब कविमित्रों की उपस्थिति के लिए, प्रशसनीय प्रतिक्रियाओं एवं रचना पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद. स्नेह बनायें रखें.:)
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Dogendra Singh Thakur 1:59pm Oct 6
Waahhh sir.. :)
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Ramesh Rai 1:18pm Oct 6
Bilkul thik kaha hai aapne
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Sangeeta Yadav 1:11pm Oct 6
Sundar
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via fb/Poets Corner
Fatima Afshan 2:54pm Oct 6
कभी कभी किस्मत की डोर हाथ से छूट भी जाती है
ऐसी कटी पतंग का मंज़िल की आस लगाने का क्या लाभ?
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Santosh Bakaya 12:55pm Oct 6
Bahut khoob or bilkul sahi
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via fb/Poets Corner
Uttam Mehta 12:59pm Oct 6
ReplyDeleteबहुत खूब
वाहहहह.......
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Om Prakash Shukla 12:50pm Oct 6
वाह वाह ,, सही संदेश
स्वागतम्
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Chanchlesh Shakya 12:47pm Oct 6
वाह अनुपम सृजन...
नमन...
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via fb/YUSM
रामकुमार चतुर्वेदी 7:49pm Oct 6
ReplyDeleteसमारोह मैं आपका स्वागत है आदरणीय
क्या बात है सुंदर सुंदरम् भावाभिव्यक्ति वाहहहहहह
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Mahatam Mishra 2:17pm Oct 6
बहुत खूब आदरणीय
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Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala 2:09pm Oct 6
वाह ! वाह आ. श्री Tribhawan Kaul शाहब । लेकिन
निभाता कर्त्तव्य समय पर मुर्गा जगाता रोज ये सबको
समय पर जागकर करते नहीं जो कर्म क्यों दोष दे रब को
गया वक्त फिर लौटकर आता नहीं रहे फिर हाथ मलते जो
अभी भी वक्त है जानले वक्त खोना गवाँरा है नहीं हमको । - लक्ष्मण रामानुज
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via fb/YUSM
अकेला इलाहाबादी 12:39pm Oct 6
ReplyDeleteसमय पर जो चेतें, चूमती सफलता है उनके कदम
जागे नहीं जो उनका, किस्मत को कोसने से क्या लाभ ?......................शानदार सृजन I बधाई हो I
via fb/YUSM
Hari Faizabadi 2:38pm Oct 6
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ।
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Rashmi Jain 1:22pm Oct 6
बेहद उम्दा अलफ़ाज़
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Charu Dev 1:21pm Oct 6
बहुत सुंदर
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via fb/Kastoori Kanchan
Sankari P Sarkar 10:27pm Oct 6
ReplyDeleteIt is pointless to draw a balance sheet of gains and loss which floats on top of life. Life is,after all , what you make out of it. The bottom line is none can
reject life.
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Tribhawan Kaul 11:59am Oct 7
Thank for your gracious presence on my quatrain. The question inherent is that life presents so many opportunities. One who grabs, goes to places. One who does not remains stagnant without rejecting life and blames his or her luck. :)
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Rakhi Softa Sharma 12:17pm Oct 7
Bahut khoob kaha aapne
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via fb/Poets Corner
Kavindra Dhir 12:14am Oct 9
ReplyDeleteryt
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Jyoti Arya 9:22pm Oct 7
Bilkul sahi kaha aapne...
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Rakhi Softa Sharma 12:17pm Oct 7
Bahut khoob kaha aapne
via fb/Poets Corner